सूर्य संयम स्वर्ग पंचान्हिका महोत्सव में हुए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान
श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में आयोजित सूर्य संयम स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत .आयोजित पंचान्हिका महोत्सव के अंतिम दिन साध्वी सूर्यकिरणाश्रीजी के 50वें दीक्षा पर्याय दिवस पर प्रातः 8ः00 बजे तीर्थ परिसर में विराजित साध्वी मंडल .की निश्रा में चैवीसी मंगलगीत का आयोजन किया, तत्पश्चात् बैंड ढोल एवं सकल श्रीसंघ के साथ बाजते-गाजते तीर्थाधिपति श्री महावीर प्रभु के, श्री दादा गुरुदेवश्री के, पुण्य सम्राट श्री एवं योगीराज जी के दर्शन वंदन करने के पश्चात् प्रवचन सभागार तक शोभायात्रा पहुँची, जहाँ द्वार पर साध्वीवर्या श्रीजी को अक्षत से वधाने का लाभ श्री भँवरलालजी मेघराजजी छत्रियावोरा (मिलियन ग्रुप) सुराणा ने लाभ लिया तथा द्वार पर प्रथम गँहुली का लाभ श्री कालूचंदजी हंजाजी संकलेचा परिवार मेंगलवा ने लिया।
पुण्यसम्राट के पायलट एवं कार्यदक्ष मुनिराज श्री आनंदविजय म. सा. ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री सूर्यकिरणाश्रीजी म. सा. का मैं अत्यंत ऋणी हूँ और कभी भी उऋण नहीं हो सकता हूँ उन्होंने मुझे ममतामयी वात्सल्य प्रदान किया, साथ ही बाल्यकाल से ही मेरी प्रेरणा-स्रोत रही है। मैं 50 वें संयम-पर्याय की अनुमोदना करते हुए आत्मीय भाव से शुभकामनाएं प्रकट करते हुए अभ्यर्थना करता हूँ कि वे शतायु हो एवं जिनशासन एवं गुरुगच्छ की प्रभावना के कार्य निरन्तर करते रहे।
संयम वंदनावली कार्यक्रम में लेटा के पूज्य महंत्त श्री रणछोड़ भारतीजी भी मंगलकामना देने पधारें।
दाडमचंदजी छत्रियावोरा ने अपने भाव प्रकट करते हुए साध्वीजी म. सा. के संयम-पर्याय की खूब-खूब अनुमोदना की ।
संयम वंदनावली कार्यक्रम को श्री धरणेन्द्र पंडितजी ने भावपूर्ण शब्दों में संयम की महत्ता का वर्णन करते हुए सभी को भाव विभोर कर दिया।
यतींद्रवाणी के संपादक श्री कुलदीप प्रियदर्शी जी ने कविता के माध्यम से शुभकामनाएँ प्रकट की, श्री भाण्डवपुर महातीर्थ की और से कांतिलालजी हुकमाणी ने आभार प्रकट किया। संयम अनुमोदनार्थ पूज्य साध्वी सूर्यकिरणाश्रीजी को संयम उपकरण वोहराने का लाभ जिसमें
- ओघा वोहराने का लाभ – श्री कालूचंदजी हंजाजी सकलेचा परिवार,
- मुहपत्ति का लाभ – श्री हीराचंदजी समरथमलजी झोटा परिवार,
- कपड़ा वोहराने का लाभ- शा. भगवानचंदजी केशाजी फोलामुथा सायला परिवार,
- नवकारवाली वोहराने का लाभ- श्रीमती अणसीदेवी गोपीलालजी ओसवाल परिवार,
- ठवणी वोहराने का लाभ- श्री सायरमलजी गणेशमलजी छत्रियावोरा सुराणा परिवार,
- पुस्तक वोहराने का लाभ- शा. धुड़ाजी छत्रियावोरा नगरसेठ परिवार-जीवाणा ,
- डण्डासण वोहराने का लाभ- शा. मीठालालजी नेनाजी संकलेचा-मेंगलवा,
- पात्रा वोहराने का लाभ- श्री कांतिलालजी साँकलचंदजी हुकमाणी-पाँथेडी,
- कामली वोहराने का लाभ- श्री किशोरकुमार साँवलचंदजी बालगोता-मेंगलवा,
- आसन का लाभ- श्रीमती गुणीदेवी सुमेरमलजी बालगोता-मेंगलवा,
- दर्शन चैवीसी का लाभ – श्री पुखराजजी जेठमलजी मुणोत-जीवाणा,
- स्थापनाचार्यजी पाटली का लाभ – श्रीमती गीताबेन विनोदभाई जवेरी-पाटण,
- संथारिया का लाभ – श्री भँवरलालजी मेघराजजी छत्रियावोरा सुराणा (मिलियन ग्रुप)
- पादप्रक्षालन एवं पगलिया का लाभ – श्री मिश्रीमलजी मादाजी बालगोता परिवार-मेंगलवा,
- गुरु पूजन का लाभ – श्रीमती गीताबेन विनोदभाई जवेरी-पाटण व
- केसर छँटना – श्रीमती मोहिनीदेवी साँवलचंदजी बालगोता परिवार ने लिया।
इस अवसर पर स्थानीय थानाप्रभारी श्री सवाईसिंहजी, निकटवर्ती क्षेत्रों के श्रीसंघ एवं अनेक नगरों से पधारे गुरुभक्त उपस्थित थें।
प. पू. पुण्यसम्राट श्री जयन्तसेनसूरीश्वरजी के पट्टधर भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्य देवेशश्री जयरत्नसूरीश्वरजी का आज श्री पाश्र्वशान्तिधाम सांचैर में रात्रि विश्राम और कल श्री वल्लभीपुर तीर्थ की ओर विहार रहेगा।
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